राधा-कृष्ण के प्रेम को पूरी दुनिया जानती हैं. राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी अपने आप में प्रेम की परिभाषा हैं. प्रेम पर बहुत बड़े-बड़े ग्रन्थ लिखे गये हैं लेकिन राधा-कृष्ण के प्रेम के सामने वो बौने नजर आते हैं.
लोग कहते है कि राधा ने कृष्ण से इतना प्रेम किया था कि वृन्दावन के मिट्टी में प्रेम समा गया. आज भी जब राधा-कृष्ण के भक्त वृन्दावन जाते है तो वहां की मिट्टी को माथे पर लगाते है. वृन्दावन की हवाओं में प्रेम की खुशबू आती है. तभी तो विदेशों से लोग राधा और कृष्ण के प्रेम को जानने, समझने, देखने, महसूस करने आते है.
उद्धव खुद को बड़ा ही ज्ञानी समझते है, उन्हें अपने ज्ञान का अहंकार भी होता है. वो वृन्दावन राधा को ज्ञान देने जाते है लेकिन वहाँ से प्रेम का ज्ञान लेकर आते है. उन्हें ज्ञात होता है कि प्रेम से परमात्मा को भी पाया जा सकता है. दुनिया का सारा ज्ञान होने के बावजूद भी यदि किसी को प्रेम का ज्ञान ना हो तो उसका ज्ञान व्यर्थ है. प्रेम वो अमृत है जब किसी के हृदय में भर जाता है तब उसके अंदर के सारे अवगुण नष्ट हो जाते है.
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